Fiza Tanvi

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तरसती है निगाहेँ

part....2

नेमत के अब्बू मोहसिन रेहमान की भी एक बहन थी, नेमत के अब्बू जब अपनी बहन के घर जाते तो ढेर सारे फल, तोहफ़े,बच्चो के खाने की चीज़े लेकर जाते थे, jऔर लौटते वक़्त अपनी बहन के सिर पर हाथ रखते उन्हें पैसे देते और मोहब्बत भारी नेगह से देखते रास्ते मे मुड़ मुड़ कर अपनी बहन को देखते, बहन दरवाज़े पर खड़ी जहा तक निगाहेँ जाती अपने भाई को देखती रहती,...

नेमत की भी खुवाहिश थी, की उसका भाई भी इसी तरह उसकी खबऱगीरी लेने जाए, उसके सर पे हाथ रखे, उसे तोहफ़े दे, और जाते वक़्त अपने परस से पैसे निकाल कर उसे दे ..
लेकिन उसकी ये आरज़ू सिर्फ उसकी डायरी 
जानती थी, ऐसी बहुत सारी खाहिशात थी जो वो सिर्फ अपनी डाएरी को ही बताती थी,,

नेमत माँ बाप की बहुत लाड़ली थी, लेकिन भाई की सख़्ती के  सामने माँ भी कुछ नहीं कहती थी,,
नेमत का मन करता था, जैसे और भाई होते है,
अपनी बहन से हसीं मज़ाक़ करते है, छेड़ते है,
गुस्सा करते है, लड़ते है, उसका भाई भी उस से वैसे

ही लड़े लेकिन ऐसी सारी अधूरी  खुवाहिशे और ना मुमकिन खुवाब नेमत डायरी मे लिख कर पन्ने भर्ती रहती थी,,,,
नेमत का भाई भाई सख्त था, वो उस पर पवँदिया लगाए रहता था, लेकिन प्यार भी करता था.
वो सोचता  था, मेरी बहन बहुत मासूम है, दुनिया बहुत ज़ालिम है...

कही कोइ उसकी मैसेमियत का फायदा ने उठा ले इसी वजह से हननान सख़्त रहता था, लेकिन नेमत 
सोचती थी, हननान उस से मोहब्बत नहीं करता है...

अपने भाई से उखड़ी उखड़ी रहती थी, चेहरे से नाराज़गी साफ झलकती थी, लेकिन हननान का रवइया ज़रा भी ना बदलता...

बहन की भी चाहते होती है भाई को लेकर, लेकिन हननान तो बस सख्ती के साथ ही पेश आता...
उसकी आवाज़ से उसकी मोहब्बत का अंदाजा हो जाता की उसके दिल मे अपनी बहन के लिये कितनी मोहब्बत है, आखिर नेमत कर  भी किया सकती थी..

वो जो जो कहना चाहती थी, शाम को छत पर बैठ कर सब डायरी मे लिख दिया करती थी....
बिना झिजके, अब डायरी उसकी ज़िन्दगी का हिस्सा बन गयी थी.....
नेमत कॉलेज मे पडती थी.उसका एक दोस्त था, दानिश नेमत और दानिश बहुत अच्छे दोस्त थे, नेमत को जब भी किसी सब्जेक्ट से परेशान होती तो दानिश से मदद ले लिया करती थी... इसी दौरान नेमत के दिल मे दनिश के लिये मोहब्बत की कलमे निकलने लगी थी,
लेकिन इस बात को अभी नेमत खुद भी नहीं जानती थी.
अपने जज़्बातो से अनजान थी,
जारी है...

लेखिका..... फ़िज़ा तन्वी 

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11 Comments

Ammar khan

30-Nov-2021 11:23 AM

Good

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Yukoob K

10-Nov-2021 02:57 PM

Good

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Yukoob K

10-Nov-2021 02:55 PM

Good di

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